आईपीसी धारा 467 मूल्यवान प्रतिभूति, विल की कूटरचना | IPC Section 467 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 18: दस्तावेजों और संपत्ति चिह्नों संबंधी अपराधों के विषय में > आईपीसी धारा 467
आईपीसी धारा 467: मूल्यवान प्रतिभूति, विल, इत्यादि की कूटरचना
जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज की, जिसका कोई मूल्यवान प्रतिभूति या बिल या पुत्र के दत्तकग्रहण का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो, अथवा जिसका किसी मूल्यवान प्रतिभूति की रचना या अन्तरण का, या उस पर के मूलधन, ब्याज या लाभांश को प्राप्त करने का, या किसी धन, जंगम सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति को प्राप्त करने या परिदत करने का प्राधिकार होना तात्पर्यित हो, अथवा किसी दस्तावेज को, जिसका धन दिए जाने की अभिस्वीकृति करने वाला निस्तारणपत्र या रसीद होना, या किसी जंगम संपति या मूल्यवान प्रतिभूति के परिदान के लिए निस्तारणपत्र या रसीद होना तात्पर्यित हो, कूटरचना करेगा जह आजीवन कारावास से, या दानों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | किसी मूल्यवान सुरक्षा, किसी भी मूल्यवान सुरक्षा को बनाने या स्थानांतरित करने या किसी भी धन को प्राप्त करने के लिए, या किसी भी धन को प्राप्त करने के लिए, या आदि को प्राप्त करने के लिए एक मूल्यवान सुरक्षा, इच्छा या अधिकार का जालसाजी | जब मूल्यवान सुरक्षा केन्द्र सरकार का वचन पत्र है |
सजा | आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना | आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना |
संज्ञेय | गैर – संज्ञेय | संज्ञेय |
जमानत | गैर जमानतीय | गैर जमानतीय |
विचारणीय | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट | प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट |
समझौता | नही किया जा सकता | नही किया जा सकता |