आईपीसी धारा 468 छल के प्रयोजन से कूटरचना | IPC Section 468 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 18: दस्तावेजों और संपत्ति चिह्नों संबंधी अपराधों के विषय में > आईपीसी धारा 468

आईपीसी धारा 468: छल के प्रयोजन से कूटरचना

जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि 1वह दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख जिसकी कूटरचना की जाती है, छल के प्रयोजन से उपयोग में लाई जाएगी, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

संशोधन

  1. 2000 के अधिनियम सं० 21 की धारा 91 और पहली अनुसूची द्वारा कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित। 

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधठगी के मकसद से जालसाजी
सजा7 साल + जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानतगैर जमानतीय
विचारणीयप्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
समझौतानही किया जा सकता

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