आईपीसी धारा 364 हत्या करने के लिए अपहरण | IPC Section 364 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 364

आईपीसी धारा 364: हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण

जो कोई इसलिए किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करेगा कि ऐसे व्यक्ति की हत्या की जाए या उसको ऐसे व्ययनित किया जाए कि वह अपनी हत्या होने के खतरे में पड़ जाए, वह 1आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

दृष्टांत

(क) इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए कि किसी देव मूर्ति पर की बलि चडाई जाए भारत में से का व्यपहरण करता है। ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।

(ख) को उसके गृह से इसलिए बलपूर्वक या बहकाकर ले जाता है कि की हत्या की जाए। ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।

संशोधन

  1. 1955 के अधिनियम सं० 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा “आजीवन निर्वासन” के स्थान पर प्रतिस्थापित।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधहत्या के क्रम में अपहरण या अपहरण
सजाआजीवन कारावास या 10 साल के लिए कठोर कारावास + जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय
जमानतगैर जमानतीय
विचारणीयसत्र न्यायालय
समझौतानही किया जा सकता

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