आईपीसी धारा 333: लोक सेवक को अपने कर्तव्यों से भयोपरत स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना | IPC Section 333 In Hindi
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आईपीसी धारा 333: लोक सेवक को अपने कर्तव्यों से भयोपरत स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
जो कोई किसी ऐसे व्यक्ति को, जो लोक सेवक हो, उस समय जब वह वैसे लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य का निवहन कर रहा हो अथवा इस आशय से कि उस व्यक्ति को, या किसी अन्य लोक सेवक को वैसे लोक सेवक के नाते उस व्यक्ति द्वारा अपने कर्तव्य के विधिपूर्ण निर्वहन में की गई या किए जाने के लिए प्रयतित किसी बात के परिणास्वरूप स्वेच्छया घोर उपहति कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | स्वेच्छा से अपने कर्तव्य से लोक सेवक को रोकने के लिए गंभीर चोट के कारण |
सजा | 10 साल + जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | सत्र मजिस्ट्रेट के लिए |
समझौता | नही किया जा सकता |
