आईपीसी धारा 364क फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण | IPC Section 364A In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 364क

आईपीसी धारा 364क: 1फिरौती, आदि के लिए व्यपहरण

जो कोई इसलिए किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करेगा या ऐसे व्यपहरण या अपहरण के पश्चात् ऐसे व्यक्ति को निरोध में रखेगा और ऐसे व्यक्ति की मृत्यु या उसकी उपहति कारित करने की धमकी देगा या अपने आचरण से ऐसी युक्तियुक्त आशंका पैदा करेगा कि ऐसे व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है या उसको उपहति की जा सकती है या ऐसे व्यक्ति को उपहति या उसकी मृत्यु कारित करेगा जिससे कि सरकार या 2किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी कार्य को करने या करने से प्रविरत रहने के लिए या फिरौती देने के लिए विवश किया जाए. वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

  1. 1993 के अधिनियम सं० 42 की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित।
  2. 1995 के अधिनियम सं० 24 की धारा 2 द्वारा “किसी अन्य व्यक्ति” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधफिरौती के लिए अपहरण आदि
सजामृत्यु दंड या आजीवन कारावास + जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानतगैर जमानतीय
विचारणीयसत्र न्यायालय
समझौतानही किया जा सकता

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