आईपीसी धारा 408 सेवक द्वारा आपराधिक न्यासभंग | IPC Section 408 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 17: सम्पत्ति के विरुद्ध अपराधों के विषय में > आपराधिक न्यासभंग के विषय में > आईपीसी धारा 408

आईपीसी धारा 408: लिपिक या सेवक द्वारा अपराधिक न्यासभंग

जो कोई लिपिक या सेवक होते हुए, या लिपिक या सेवक के रूप में नियोजित होते हुए, और इस नाते किसी प्रकार संपत्ति, या संपत्ति पर कोई भी अख्त्यार अपने में न्यस्त होते हुए, उस संपत्ति के विषय में आपराधिक न्यासभंग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधक्लर्क या नौकर द्वारा विश्वास का आपराधिक उल्लंघन
सजा7 साल + जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानतगैर जमानतीय
विचारणीयप्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट
समझौतानही किया जा सकता

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