आईपीसी धारा 368 व्यापहृत व्यक्ति को सदोष छिपाना | IPC Section 368 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 368

आईपीसी धारा 368: व्यापहृत या अपहृत व्यक्ति को सदोष छिपाना या परिरोध में रखना

जो कोई यह जानते हुए कि कोई व्यक्ति व्यपहृत या अपहृत किया गया है, ऐसे व्यक्ति को सदोष छिपाएगा या परिरोध में रखेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा मानो उसने उसी आशय या ज्ञान या प्रयोजन से ऐसे व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण किया हो जिससे उसने ऐसे व्यक्ति को छिपाया या परिरोध में निरुद्ध रखा है।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधकिसी अपहृत व्यक्ति को छुपाना या कैद में रखना
सजाअपहरण या अपहरण के लिए के रूप में
संज्ञेयसंज्ञेय
जमानतगैर जमानतीय
विचारणीयअपहरण के अपराध के जैसा
समझौतानही किया जा सकता

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