आईपीसी धारा 489ङ नोटों से सदृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना | IPC Section 489E In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 18: दस्तावेजों और संपत्ति चिह्नों संबंधी अपराधों के विषय में > करेंसी नोटों और बैंक नोटों के विषय में> आईपीसी धारा 489ङ
आईपीसी धारा 489ङ: 1करेन्सी नोटों या बैंक नोटों से सदृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग
(1) जो कोई किसी दस्तावेज को, जो करेन्सी नोट या बैंक नोट होना तात्पर्यित हो या करेन्सी नोट या बैंक नोट के किसी भी प्रकार सदृश हो या इतने निकटतः सदृश हो कि प्रवंचना हो जाना प्रकल्पित हो, रचेगा या रचवाएगा या किसी भी प्रयोजन के लिए उपयोग में लाएगा या किसी व्यक्ति को परिदत्त करेगा, वह जुर्माने से, जो एक सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।
(2) यदि कोई व्यक्ति जिसका नाम ऐसी दस्तावेज पर हो, जिसकी रचना उपधारा (1) के अधीन अपराध है, किसी पुलिस आफिसर को उस व्यक्ति का नाम और पता, जिसके द्वारा वह मुद्रित की गई थी या अन्यथा रची गई थी, बताने के लिए अपेक्षित किए जाने पर उसे विधिपूर्ण प्रतिहेतु के बिना बताने से इंकार करेगा, वह जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डित किया जाएगा।
(3) जहां कि किसी ऐसी दस्तावेज पर जिसके बारे में किसी व्यक्ति पर उपधारा (1) के अधीन अपराध का आरोप लगाया गया हो, या किसी अन्य दस्तावेज पर, जो उस दस्तावेज के सम्बन्ध में उपयोग में लाई गई हो, या वितरित की गई हो, किसी व्यक्ति का नाम हो, वहां जब तक तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जा सकेगी कि उसी व्यक्ति ने वह दस्तावेज रचवाई है।
संशोधन
- 1943 के अधिनियम से० 6 की धारा 2 द्वारा अंतःस्थापित
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | करेंसी नोटों या बैंक नोटों से सदृश्य रखने वाली दस्तावेजों की रचना या उपयोग |
सजा | 100 या 200 रुपये जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | सत्र न्यायालय |
समझौता | नही किया जा सकता |
