आईपीसी धारा 445 गृह भेदन | IPC Section 445 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 17: सम्पत्ति के विरुद्ध अपराधों के विषय में > आपराधिक अतिचार के विषय में > आईपीसी धारा 445
आईपीसी धारा 445: गृह भेदन
जो व्यक्ति गृह-अतिचार करता है, वह “गृह-भेदन” करता है, यह कहा जाता है, यदि वह उस गृह में या उसके किसी भाग में एतस्मिन्पश्चात् वर्णित छह तरीकों में से किसी तरीके से प्रवेश करता है अथवा यदि वह उस गृह में या उसके किसी भाग में अपराध करने के प्रयोजन से होते हुए, या वहां अपराध कर चुकने पर, उस गृह से या उसके किसी भाग से ऐसे छह तरीकों में से किसी तरीके से बाहर निकलता है, अर्थात्:-
पहला–यदि वह ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है, जो स्वयं उसने या उस गृह-अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने वह गृह-अतिचार करने के लिए बनाया है,
दूसरा–यदि वह किसी ऐसे रास्ते से, जो उससे या उस अपराध के दुष्प्रेरक से भिन्न किसी व्यक्ति द्वारा मानव प्रवेश के लिए आशयित नहीं है, या किसी ऐसे रास्ते से, जिस तक कि वह किसी दीवार या निर्माण पर सीढी द्वारा या अन्यथा चडकर पहुंचा है, प्रवेश करता है या बाहर निकलता है,
तीसरा– यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसको उसने या उस गृह-अतिचार के किसी दुष्प्रेरक ने वह गृह-अतिचार करने के लिए किसी ऐसे साधन द्वारा खोला है, जिसके द्वारा उस रास्ते का खोला जाना उस गृह के अधिभोगी द्वारा आशयित नहीं था.
चौथा– यदि उस गृह अतिचार को करने के लिए, या गृह-अतिचार के पश्चात् उस गृह से निकल जाने के लिए वह किसी ताले को खोलकर प्रवेश करता या बाहर निकलता है.
पांचवां– यदि वह आपराधिक बल के प्रयोग या हमले या किसी व्यक्ति पर हमला करने की धमकी द्वारा अपना प्रवेश करता है या प्रस्थान करता है,
छठा– यदि वह किसी ऐसे रास्ते से प्रवेश करता है या बाहर निकलता है जिसके बारे में वह जानता है कि वह ऐसे प्रवेश या प्रस्थान को रोकने के लिए बंद किया हुआ है और अपने द्वारा या उस गृह-अतिचार के दुष्प्रेरक द्वारा खोला गया है।
स्पष्टीकरण:- कोई उपगृह या निर्माण जो किसी गृह के साथ-साथ अधिभोग में है, और जिसके और ऐसे गृह के बीच आने जाने का अव्यवहित भीतरी रास्ता है, इस धारा के अर्थ के अंतर्गत उस गृह का भाग है।
दृष्टांत
(क) य के गृह की दीवार में छेद करके और उस छेद में से अपना हाथ डालकर क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
(ख) क तल्लों के बीच की बारी में से रेंग कर एक पोत में प्रवेश करने द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
(ग) य के गृह में एक खिड़की से प्रवेश करने द्वारा क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है ।
(घ) एक बंद द्वार को खोलकर य के गृह में उस द्वार से प्रवेश करने द्वारा क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
(इ) य के गृह में द्वार के छेद में से तार डालकर सिटकनी को ऊपर उठाकर उस द्वार में प्रवेश करने द्वारा क गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है ।
(च) क को य के गृह के द्वार की चाबी मिल जाती है, जो य से खो गई थी, और वह उस चाबी से द्वार खोल कर व के गृह में प्रवेश करने द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
(छ) य अपनी ड्योढ़ी में खड़ा है। य को धक्के से गिराकर क उस गृह में बलात् प्रवेश करने द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह भेदन है।
(ज) य, जो म का दरबान है, म की ड्योढ़ी में खड़ा है। य को मारने की धमकी देकर क उसको विरोध करने से भयोपरत करके उस गृह में प्रवेश करने द्वारा गृह-अतिचार करता है। यह गृह-भेदन है।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द