आईपीसी धारा 507 अनाम संसूचना से आपराधिक धमकी | IPC Section 507 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 22: आपराधिक अभित्रास, अपमान और क्षोभ के विषय में > आईपीसी धारा 507

आईपीसी धारा 507: अनाम संसूचना द्वारा आपराधिक अभित्रास

जो कोई अनाम संसूचना द्वारा या उस व्यक्ति का, जिसने धमकी दी हो, नाम या निवास-स्थान छिपाने की पूर्वावधानी करके आपराधिक अभित्रास का अपराध करेगा, वह पूर्ववर्ती अंतिम धारा द्वारा उस अपराध के लिए उपबन्धित दण्ड के अतिरिक्त, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा ।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

  • अभित्रास = धमकी
  • अनाम संसूचना = अनजान बनकर कॉल करना या किसी दूसरे व्यक्ति से कॉल करवाके धमकी देना
  • पूर्ववर्ती अंतिम धारा = मतलब आईपीसी धारा 506
अपराधबेनामी संचार द्वारा आपराधिक धमकी या जहां खतरा आता है छुपाने के लिए एहतियात लिया
सजाधारा 506 के तहत दंड (2 वर्ष या 7 वर्ष) + 2 वर्ष
संज्ञेयगैर – संज्ञेय
जमानतजमानतीय
विचारणीयमात्र प्रथम श्रेणी का मजिस्ट्रेट द्वारा

यह अपराध समझौता करके नही सुलझाया जा सकता कानूनी कार्यवाही से गुजरना पड़ेगा।

यहा पर अनाम उसको माना जाएगा जिसने अपना नाम या निवास स्थान नही बताया है।

लेकिन अगर धमकी देना वाला व्यक्ति अपना नाम और घर का पता बताकर धमकी देता है उसके ऊपर आईपीसी धारा 506 लगेगी।

धमकी कॉल, मैसेज, संदेशा, पत्र , या किसी और माध्यम से दी जा सकती है , इन सब प्रकार की धमकिया इसी धारा में समावेश होती है।

नकारात्मक पक्ष: अगर आप इस धारा के अंतर्गत पुलिस में केस दर्ज करेंगे फिर भी कुछ बार पुलिस कोई कार्यवाही नही करती है, वह आपको न्यायालय से वारंट ले के आने को बोल सकते है क्युकी यह गैर संज्ञेय अपराध है।

  • एसी घटना में आप FIR की कॉपी लेकर कोर्ट में जा सकते है, जहा से आप पुलिस कार्यवाही शरु करा सकते है।

और पढ़े:-


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *