आईपीसी धारा 504 जानबूझकर अपमान करने की सजा | IPC Section 504 In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 22: आपराधिक अभित्रास, अपमान और क्षोभ के विषय में > आईपीसी धारा 504

आईपीसी धारा 504: लोकशांति भंग कराने को प्रकोपित करने के आशय से साशय अपमान

जो कोई किसी व्यक्ति को साशय अपमानित करेगा और तद्द्वारा उस व्यक्ति को इस आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए, प्रकोपित करेगा कि ऐसे प्रकोपन से वह लोक शान्ति भंग या कोई अन्य अपराध कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

  • साशय = जानबूजकर, इरादे से
  • प्रकोपित = गुस्से मे आना, आवेश मे आना
अपराधशांति भंग भड़काने का इरादा अपमान
सजा2 साल या जुर्माना या दोनों
संज्ञेयगैर – संज्ञेय
जमानतजमानतीय
विचारणीयसभी मजिस्ट्रेट

यह अपराध पीड़ित / अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करके सुलझाया जा सकता है।


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आईपीसी धारा 504 का स्पष्टीकरण

संक्षेप्त में कहे तो जानबूजकर किसी का अपमान करना ताकि वह आवेश मे आके हिंसा पर उतर आए।

आईपीसी धारा 504 को अच्छे से समझ ने के लिए यह जानना आवश्यक है कि ‘अपमान‘ शब्द का वास्तव में क्या मतलब है और यह कैसी प्रकृति में गंभीर हो जाता है जो किसी व्यक्ति को आपराधिक अपराध करने के लिए भी उत्तरदायी बना सकता है।

किसी व्यक्ति की गरिमा को हानि पहुचाना उसका अपमान माना जाता है, अपमानजनक शब्द जैसे गाली, जातिय टिप्पणी, परिवार को निचा दिखाना, आदि व्यक्ति को अपमानित करते है।

ऐसे गंभीर शब्द के अलावा भी सामान्यतः दैनिक रूप से बोले जाने वाले अपमानजनक शब्दों को भी इसी धारा के अंतर्गत अपराध माना जाता है, जैसे मुर्ख या मंदबुद्धि कहना।

समाचारों में कई एसी घटना सामने आती है जिसमे विद्यार्थी ने उकसावे में आकर अपने सहपाठी को जान से मार दिया क्योकि वह हर रोज उसको अपमानित करता था।

उदेश्य: इस धारा का उद्देश्य व्यक्ति को अपमानजनक शब्दों के सामने रक्षण देना है जो व्यक्ति को हिंसा करने या शांति भंग करने के लिए उकसा सकता है।

  • समाज में कानून व्यवस्था और शांति के साथ साथ व्यक्ति की गरिमा को सुरक्षित करके यह धारा दो बड़े उदेश्यों को सुनिचित करने की कोशिश करता है।

हमारे दैनिक जीवन में भी, हम बहुत से ऐसे शब्द सुनते हैं जो स्वभाव से आक्रामक होते हैं लेकिन किसी तरह हम अपने पर काबू रखते है। परंतु, यदि कोई व्यक्ति आवेश में आकर हिंसा कर देता है तो यह धारा 504 लागु होगी।

इस धारा के तहत अपराध स्थापित करने के लिए, निम्नलिखित अवयवों का होना आवश्यक है:

  1. आरोपी ने जानबूझकर किसी व्यक्ति का अपमान किया।
  2. यह कि व्यक्ति का इरादा ऐसा है जो अपमानित व्यक्ति को उकसाने की संभावना है।
  3. आरोपी को यह ज्ञान है कि इस तरह के उकसावे के कारण व्यक्ति को सार्वजनिक शांति भंग होगी या जिसके प्रभाव में वह अपराध कर सकता है।

इस धारा के तहत मामला लाने के लिए, यह तय करना आवश्यक होगा कि इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल से जानबूझकर अपमान हुआ या नहीं?

जब तक अपमान न किया जाए, तब तक इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता। अब प्रमुख प्रश्न यह उठता है कि यह कैसे निर्धारित किया जाए कि अपमान जानबूझकर किया गया था या नहीं?

जिसका जवाब है की, कोर्ट तथ्यों और परिस्थितियों को समझकर अपमान का निर्धारण करेगी, जो की केस के मुताबित भिन्न हो सकता है।

उदाहरण: जैसे माता या बहन के मान या इज्जत पर गलत शब्दों का बोलना इस धारा के अंतर्गत अपमान माना जायेगा। (Karumuri Venkataratnam केस)

ध्यान देने की बात यह है की प्रकोपित हुए व्यक्ति के द्वारा उकसाने वाले व्यक्ति, या कोई तीसरा व्यक्ति, या समाज के बड़े हिस्से को भी नुकशान पहुचाया जा सकता है, और इन सभी हिंसा का आरोप उकसाने वाले व्यक्ति पर ही आएगा।

ऐसा अक्सर दंगे भड़काने और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने में देखा जाता है। जिसमें सोशियल मीडिया पर किये जाते धार्मिक अपमानजनक पोस्ट इसका उदाहरण है।

आईपीसी धारा 504 उपयोग

  • उकसाने पर किये गए गुनाहों में असली आरोपी को सजा एवं हिंसा करने वाले को राहत देने में
  • अपमान को प्रतिबंधित करके भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में निर्देशित सम्मानपूर्ण जीवन के अधिकार को सुनिच्चित करने में
  • दंगे फैलाना, धार्मिक अपमान से साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने वाली गतिविधि पर रोक लगाने में

नकारात्मक उपयोग: खून के अपराधो में आरोपी की सजा कम कराने के लिए कई बार इस धारा का सहारा लिया जाता है, जिसमे ऐसा साबित करने की कोशिश करते है की उकसाने पर अपराध हुआ है, इसीलिए सजा कम होनी चाहिये।

अंतिम सवाल– उकसाने पर हिंसा करने वाला व्यक्ति अगर किसी का खून कर देता है, तो उस पर क्या कार्यवाही होगी?

जवाब :- हत्या के मामलो में आईपीसी धारा 300 लागु होती है। लेकिन उसमें साफ़ लिखा है की धारा 504 में हुयी हत्या को अपवाद के रूप में माना जायेगा।

  • मतलब की उसकी सजा कम होगी और वह न्यायाधीश केस की गंभीरता के अनुसार निच्चित करेंगे, लेकिन अपराध किया है, इसीलिए सजा तो जरुर होगी।

संबंधित मामले

1.Sanjeev S/O. Basappa Sanikop v. The State Of Karnataka जिसमे ससुर ने अपने दामाद के खिलाफ मोबाइल फ़ोन से उकसाने वाले अपमानजनक शब्दों के विरुद्ध केस किया था।

2. Ahmed Habib Qureshi vs State of Rajasthan

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