आईपीसी धारा 436 घर में आग लगाना | IPC Section 436 In Hindi
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आईपीसी धारा 436: गृह आदि को नष्ट करने के आशय से अग्नि या विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि
जो कोई किसी ऐसे निर्माण का, जो मामूली तौर पर उपासना स्थान के रूप में या मानव विकास के रूप में या संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रूप में उपयोग में आता हो, नाश कारित करने के आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उसका नाश कारित करेगा, अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा रिष्टि करेगा, वह 1आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
संशोधन
- 1955 के अधिनियम सं० 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा “आजीवन निर्वासन” के स्थान पर प्रतिस्थापित।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | घर आदि को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत |
सजा | आजीवन कारावास, या 10 साल + जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | सत्र न्यायालय |
समझौता | नही किया जा सकता |
