आईपीसी धारा 410 चुराई हुई संपत्ति | IPC Section 410 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 17: सम्पत्ति के विरुद्ध अपराधों के विषय में > चुराई हुई संपत्ति प्राप्त करने के विषय में > आईपीसी धारा 410
आईपीसी धारा 410: चुराई हुई संपत्ति
वह संपत्ति, जिसका कब्जा चोरी द्वारा, या उद्दापन द्वारा या लूट द्वारा अंतरित किया गया है, और वह संपत्ति, जिसका आपराधिक दुर्विनियोग किया गया है, या जिसके विषय में आपराधिक न्यासभंग 1*** किया गया है, चुराई हुई संपत्ति” कहलाती है, 2चाहे वह अंतरण या वह दुर्विनियोग या न्यासभंग 3भारत के भीतर किया गया हो या बाहर। किंतु यदि ऐसी संपत्ति तत्पश्चात् ऐसे व्यक्ति के कब्जे में पहुंच जाती है, जो उसके कब्जे के लिए वैध रूप से हकदार है, तो वह चुराई हुई संपत्ति नहीं रह जाती।
संशोधन
- 1891 के अधिनियम में 12 की धारा 2 और अनुसूची 1 और 1882 के अधिनियम सं० 8 की धारा 9 द्वारा “का अपराध शब्द निरसित ।
- 1882 के अधिनियम सं० 8 की धारा 9 द्वारा अंतःस्थापित।
- ‘ब्रिटिश भारत’ शब्दों के स्थान पर, अनुक्रमशः भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश, 1948, विधि अनुकूलन आदेश 1950 और 1951 के अधिनियम सं० 3 की धारा 3 और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
