आईपीसी धारा 373 बेश्यावृत्ति के लिए अप्राप्तवय का खरीदना | IPC Section 373 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 373
आईपीसी धारा 373: बेश्यावृत्ति आदि के प्रयोजन के लिए अप्राप्तवय का खरीदना
जो कोई 1अठारह वर्ष के कम आयु के किसी व्यक्ति को इस आशय से कि ऐसा व्यक्ति किसी आयु में भी वेश्यावृत्ति या किसी व्यक्ति से अयुक्त संभोग करने के लिए या किसी विधिविरुद्ध और दुराचारिक प्रयोजन के लिए काम में लाया या उपयोग किया जाए या यह सम्भाव्य जानते हुए कि ऐसा व्यक्ति, किसी आयु में भी ऐसे किसी प्रयोजन के लिए काम में लाया जाएगा या उपयोग किया जाएगा, खरीदेगा, भाड़े पर लेगा, या अन्यथा उसका कब्जा अभिप्राप्त करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
2स्पष्टीकरण 1:-अठारह वर्ष से कम आयु की नारी को खरीदने वाली, भाड़े पर लेने वाली या अन्यथा उसका कब्जा अभिप्राप्त करने वाली किसी बेश्या के या वेश्यागृह चलाने या उसका प्रबन्ध करने वाले किसी व्यक्ति के बारे में, जब तक कि तत्प्रतिकूल साबित न कर दिया जाए, यह उपधारणा की जाएगी कि ऐसी नारी का कब्जा उसने इस आशय से अभिप्राप्त किया है कि वह वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए उपयोग में लाई जाएगी।
स्पष्टीकरण 2:–“अयुक्त संभोग” का वही अर्थ है, जो धारा 372 में है।
संशोधन
- 1924 के अधिनियम सं० 18 की धारा 2 द्वारा कतिपय शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
- 1924 के अधिनियम सं० 18 की धारा 4 द्वारा अंत:स्थापित ।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | बेश्यावृत्ति के लिए नाबालिग का कब्जा खरीदना या प्राप्त करना |
सजा | 10 साल कारावास और जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | सत्र न्यायालय |
समझौता | नही किया जा सकता |
