आईपीसी धारा 370क शोषण के लिए दुर्व्यापार | IPC Section 370A In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 370क

आईपीसी धारा 370क: ऐसे व्यक्ति का, जिसका दुर्व्वापार किया गया है, शोषण

(1) जो कोई यह जानते हुए या इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी अवयस्क का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे अवयस्क को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि पांच वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

(2) जो कोई यह जानते हुए या इस बात का विश्वास करने का कारण रखते हुए कि किसी व्यक्ति का दुर्व्यापार किया गया है, ऐसे व्यक्ति को किसी भी रीति में लैंगिक शोषण के लिए रखेगा, वह कठोर कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम की नहीं होगी किंतु जो पांच वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधजिस शिशु का दुर्व्यापार किया गया उसका शोषणजिस व्यक्ति का दुर्व्यापार किया गया उसका शोषण
सजा5 से 7 साल कारावास और जुर्माना3 से 5 साल कारावास और जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)संज्ञेय
जमानतगैर जमानतीयगैर जमानतीय
विचारणीयसत्र न्यायालय द्वारासत्र न्यायालय द्वारा
समझौतानही किया जा सकतानही किया जा सकता

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *