आईपीसी धारा 366क अप्राप्तवय लड़की का उपापन | IPC Section 366A In Hindi

पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > व्यपहरण, अपहरण, दासत्व और बलात्श्रम के विषय में > आईपीसी धारा 366क

आईपीसी धारा 366क: 1अप्राप्तवय लड़की का उपापन

जो कोई अठारह वर्ष से कम आयु की अप्राप्तवय लड़की को अन्य व्यक्ति से अयुक्त संभोग करने के लिए विवश या बिलुब्ध करने के आशय से या तद्वारा विवश या विलुब्ध किया जाएगा यह सम्भाव्य जानते हुए ऐसी लड़की को किसी स्थान से जाने को या कोई कार्य करने को किसी भी साधन द्वारा उत्प्रेरित करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

संशोधन

  1. 1923 के अधिनियम सं० 20 की धारा 3 द्वारा अंतःस्थापित।

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराध लड़की को अन्य व्यक्ति से अयुक्त संभोग करने के लिए विवश करना
सजा10 साल कारावास और जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानतजमानतीय
विचारणीयसत्र न्यायालय
समझौतानही किया जा सकता

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