आईपीसी धारा 363 व्यपहरण के लिए दण्ड | IPC Section 363 In Hindi
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आईपीसी धारा 363: व्यपहरण के लिए दण्ड
जो कोई 1भारत में से या विधिपूर्ण संरक्षकता में से किसी व्यक्ति का व्यपहरण करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
- “ब्रिटिश भारत” शब्दों के स्थान पर अनुक्रमशः भारतीय स्वतंत्रता (केन्द्रीय अधिनियम तथा अध्यादेश अनुकूलन) आदेश, 1948, विधि अनुकूलन आदेश, 1950 और 1951 के अधिनियम सं० 3 की धारा 3 और अनुसूची द्वारा प्रतिस्थापित।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | अपहरण |
सजा | 7 साल + जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | जमानतीय |
विचारणीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के लिए |
समझौता | नही किया जा सकता |
