आईपीसी धारा 352 आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड | IPC Section 352 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय दंड संहिता > अध्याय 16: मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के विषय में > आपराधिक बल और हमले के विषय में > आईपीसी धारा 352
आईपीसी धारा 352: गम्भीर प्रकोपन होने से अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड
जो कोई किसी व्यक्ति पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ति द्वारा गम्भीर और अचानक प्रकोपन दिए जाने पर करने से अन्यथा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण:- इस धारा के अधीन किसी अपराध के दण्ड में कमी गम्भीर और अचानक प्रकोपन के कारण नहीं होगी, यदि वह प्रकोपन अपराध करने लिए प्रतिहेतु के रूप में अपराधी द्वारा ईप्सित या स्वेच्छया प्रकोपित किया गया हो, अथवा
यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो विधि के पालन में, या किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे लोक सेवक की शक्ति के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई हो, अथवा
यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो प्राइवेट प्रतिरक्षा के अधिकार के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई हो।
प्रकोपन अपराध को कम करने के लिए पर्याप्त गम्भीर और अचानक था या नहीं, यह तथ्य का प्रश्न है।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | गंभीर उकसावे की तुलना में अन्यथा आपराधिक बल का हमला या उपयोग |
सजा | 3 महीने या जुर्माना या दोनों |
संज्ञेय | गैर-संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक) |
जमानत | जमानतीय |
विचारणीय | सभी मजिस्ट्रेट के लिए |
समझौता | पीड़ित व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है |