आईपीसी धारा 347 सम्पत्ति उद्यापित या अवैध कार्य के लिए सदोष परिरोध | IPC Section 347 In Hindi

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आईपीसी धारा 347: सम्पत्ति उद्यापित करने के लिए या अवैध कार्य करने के लिए मजबूर करने के लिए सदोष परिरोध

जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध इस प्रयोजन से करेगा कि उस परिरुद्ध व्यक्ति से, या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से, कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति उद्यापित की जाए अथवा उस परिरुद्ध व्यक्ति को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति से कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति उद्दापित की जाए अथवा उस परिरुद्ध व्यक्ति को या उससे हितबद्ध किसी व्यक्ति को कोई ऐसी अवैध बात करने के लिए, या कोई ऐसी जानकारी देने के लिए जिससे अपराध का किया जाना सुकर हो जाए, मजबूर किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी, दण्डनीय होगा ।

-भारतीय दण्ड संहिता के शब्द

अपराधस्वीकारोक्ति या जानकारी ऐंठने, या संपत्ति की बाध्यकारी बहाली आदि के उद्देश्य से गलत तरीके से कारावास
सजा3 साल + जुर्माना
संज्ञेयसंज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही)
जमानतजमानतीय
विचारणीयसभी मजिस्ट्रेट के लिए
समझौतानही किया जा सकता

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