आईपीसी धारा 340: सदोष परिरोध | IPC Section 340 In Hindi

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आईपीसी धारा 340: सदोष परिरोध

जो कोई किसी व्यक्ति का इस प्रकार सदोष अवरोध करता है कि उस व्यक्ति को निश्चित परिसीमा से परे जाने से निवारित कर दे, वह उस व्यक्ति का “सदोष परिरोध” करता है, यह कहा जाता है ।

दृष्टांत

(क) को दीवार से घिरे हुए स्थान में प्रवेश कराकर उसमें ताला लगा देता है। इस प्रकार दीवार की परिसीमा से परे किसी भी दिशा में नहीं जा सकता । ने का सदोष परिरोध किया है ।

(ख) एक भवन के बाहर जाने के द्वारों पर बन्दूकधारी मनुष्यों को बैठा देता है और से कह देता है कि यदि भवन के बाहर जाने का प्रयत्न करेगा, तो वे को गोली मार देंगे। ने का सदोष परिरोध किया है ।

-भारतीय दण्ड संहिता के शब्द

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