आईपीसी धारा 334: प्रकोपन पर स्वेच्छया उपहति करना | IPC Section 334 In Hindi

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आईपीसी धारा 334: प्रकोपन पर स्वेच्छया उपहति करना-

जो कोई गम्भीर और अचानक प्रकोपन पर स्वेच्छया उपहति कारित करेगा, यदि न तो उसका आशय उस व्यक्ति से भिन्न, जिसने प्रकोपन दिया था, किसी व्यक्ति को उपहति कारित करने का हो और न वह अपने द्वारा ऐसी उपहति कारित किया जाना सम्भाव्य जानता हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दंडित किया जाएगा |

-भारतीय दंड संहिता के शब्द

अपराधस्वेच्छा से गंभीर और अचानक उत्तेजना पर चोट के कारण, व्यक्ति जो उत्तेजना दिया के अलावा किसी और को चोट करने का इरादा नही
सजा1 महीना या जुर्माना या दोनों
संज्ञेयगैर संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक)
जमानतजमानतीय
विचारणीयसभी मजिस्ट्रेट के लिए
समझौताकिया जा सकता है

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