आईपीसी धारा 326 खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना | IPC Section 326 In Hindi
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आईपीसी धारा 326: खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना
उस दशा के सिवाय, जिसके लिए धारा 335 में उपबंध है, जो कोई असन, वेधन या काटने के किसी उपकरण द्वारा या किसी ऐसे उपकरण द्वारा, जो यदि आक्रामक आयुध के तौर पर उपयोग में लाया जाए, तो उससे मृत्यु कारित होना सम्भाव्य है, या अग्नि या किसी तप्त पदार्थ द्वारा, या किसी विष या संक्षारक पदार्थ द्वारा, या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा, या किसी ऐसे पदार्थ द्वारा, जिसका श्वास में जाना या निगलना या रक्त में पहुंचना मानव शरीर के लिए हानिकारक है, या किसी जीवजन्तु द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करेगा, वह 1आजीवन कारावास से. या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
- 1955 के अधिनियम सं० 26 की धारा 117 और अनुसूची द्वारा (1-1-1956 से) “आजीवन निर्वासन” के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
-भारतीय दंड संहिता के शब्द
अपराध | स्वेच्छा से खतरनाक हथियारों या साधनों से गंभीर चोट के कारण |
सजा | आजीवन कारावास या 10 साल + जुर्माना |
संज्ञेय | संज्ञेय (गिरफ्तारी के लिए वॉरेंट आवश्यक नही) |
जमानत | गैर जमानतीय |
विचारणीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के लिए |
समझौता | नही किया जा सकता |