आईपीसी धारा 320 घोर उपहति | IPC Section 320 In Hindi

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आईपीसी धारा 320: घोर उपहति

उपहति की केवल नीचे लिखी किस्में “घोर” कहलाती है

पहला-पुंस्त्वहरण ।

दूसरा-दोनों में से किसी भी नेत्र की दृष्टि का स्थायी विच्छेद ।

तीसरा-दोनों में से किसी भी कान की श्रवणशक्ति का स्थायी विच्छेद ।

चौथा– किसी भी अंग या जोड़ का विच्छेद ।

पांचवां– किसी भी अंग या जोड़ का की शक्तियों का नाश या स्थायी ह्रास ।

छठा– सिर या चेहरे का स्थायी विद्रूपिकरण ।

सातवां-अस्थि या दांत का भंग या विसंधान |

आठवां-कोई उपहति जो जीवन को संकटापन्न करती है या जिसके कारण उपहत व्यक्ति बीस दिन तक तीव्र शारीरिक पीड़ा में रहता है या अपने मामूली कामकाज को करने के लिए असमर्थ रहता है ।

-भारतीय दण्ड संहिता के शब्द

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