अनुच्छेद 143 न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति | Article 143 In Hindi
पथ प्रदर्शन: भारतीय संविधान > भाग 5 : संघ > अध्याय 4- संघ की न्यायपालिका > अनुच्छेद 143
अनुच्छेद 143: उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
143(1): यदि किसी समय राष्ट्रपति को प्रतीत होता है कि विधि या तथ्य का कोई ऐसा प्रश्न उत्पन्न हुआ है या उत्पन्न होने की संभावना है, जो ऐसी प्रकृति का और ऐसे व्यापक महत्व का है कि उस पर उच्चतम न्यायालय की राय प्राप्त करना समीचीन है, तो वह उस प्रश्न को विचार करने के लिए उस न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और वह न्यायालय, ऐसी सनवाई के पश्चात् जो वह ठीक समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपनी राय प्रतिवेदित कर सकेगा ।
143(2): राष्ट्रपति अनुच्छेद 131 1** के परन्तुक में किसी बात के होते हुए भी, इस प्रकार के विवाद को, जो 2[उक्त परन्तुक] में वर्णित है, राय देने के लिए उच्चतम न्यायालय को निर्देशित कर सकेगा और उच्चतम न्यायालय, ऐसी सुनवाई के पश्चात् जो वह ठीक समझता है, राष्ट्रपति को उस पर अपनी राय प्रतिवेदित करेगा ।
- 7वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा “के खंड (i)” शब्दो, कोष्ठको और अंक का (1-11-1956 से) लोप किया गया ।
- 7वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा “उक्त खंड” के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
-संविधान के शब्द
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